जलमंडल

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✍️जल पृथ्वी पर पाया जाने वाला एक तरल पदार्थ है. जल बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. जल पृथ्वी पर कई अलग-अलग रूपों में मिलता है.

✍️परी पृथ्वी के लगभग 71 फीसदी पर जलमंडल का विस्तार है.

✍️उत्तरी गोलार्द्ध का 60 फीसदी और दक्षिणी गोलार्द्ध का 80 फीसदी भाग महासागरों (https://t.me/INDIAN_WORLD_GEOGRAPHY/244) से ढका हैं.

✍️जल राशि का मात्र 2.5 फीसदी भाग ही स्वच्छ जल या मीठा जल है.

✍️महासागरीय जल के दो महत्वपूर्ण गुण हैं- तापमान और लवणता.

✍️जलमंडल का वह बड़ा भाग जिसकी कोई निश्चित सीमा ना हो, महासागर कहलाता है.

✍️सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर (https://t.me/INDIAN_WORLD_GEOGRAPHY/244) है.

✍️महासागरों (https://t.me/INDIAN_WORLD_GEOGRAPHY/244) की औसत गहराई 3800 मीटर है जबकि स्थल की औसत ऊंचाई 840 मीटर होती है.

✍️सथल की ऊंचाई और महासागरों की गहराई को उच्चतामितीय वक्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है.

✍️जलमंडल का वह बड़ा भाग, जो तीन तरफ जल से घिरा हो और एक तरफ महासागर से मिला हो, समुद्र कहलाता है.

✍️समुद्र का स्थलीय भाग में प्रवेश कर जाने पर जो जल का क्षेत्र बनता है, उसे खाड़ी कहते हैं.

✍️Bay के दो किनारे स्थल से घिरे होते हैं. एक तरफ टापुओं का समुह होता है और दूसरी तरफ का मुहाना समुद्र से मिला होता है.

✍️आकार मे अन्तर के कारण अटलांटिक महासागर में वार्षिक तापांतर प्रशांत महासागर की अपेक्षा अधिक होता है.

✍️उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण गोलार्द्ध की तुलना में तापान्तर अधिक होता है.

✍️लवणता को प्रति हजार में व्यक्त करते हैं.

✍️समुद्री जल की औसत लवणता लगभग 35 प्रति हजार होती हैं.

✍️समान खारेपन वाले स्थानों को मिलाकर खींची गयी रेखा को समलवण रेखा कहते हैं.

✍️तर्की की वान झील की लवणता सबसे अधिक (330%) है.

✍️परशांत महासागर में गुआम द्वीप के पास स्थित मेरियाना गर्त सबसे गहरा गर्त है.

✍️इसकी गहराई लगभग 11 किमी है. इसे चैलेंजर गर्त भी कहते हैं.

✍️जलमग्न उत्थान का वह भाग जहां जल की गहराई छिछली होती है उसे शोल कहते हैं.

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