आजकल हर कोई स्मार्टफोन को इस्तेमाल करता है. इतनी व्यस्थ लाइफ में स्मार्टफोन का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. स्मार्टफोन के कई लाभ हैं परन्तु यह भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि इनसे जो लाइट निकलती है वह सेहत को नुक्सान पहुचा सकती है. आइयेइस लेख के माध्यम से देखते हैं कैसे ये स्मार्टफोन की लाइट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है.
हर तकनीकी के कुछ अच्छे और बुरे परिणाम होते हैं. आजकल स्मार्टफोन हर कोई इस्तेमाल करता है, जो कि लाइफ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. इन छोटे डिवाइसों की मदद से एक दूसरे के साथ कनेक्ट और अपडेट रहते हैं, यहां तक की यह एक मनोरंजन का भी अच्छा स्रोत बन गया है. स्मार्टफोन के कई लाभ है परन्तु यह भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि इनसे जो लाइट निकलती है वह सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है.
आजकल हर कोई स्मार्टफोन को इस्तेमाल करता है. इतनी व्यस्थ लाइफ में स्मार्टफोन का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. इसे शॉपिंग, मूवी टिकट, फ्लाइट टिकट, पढने इत्यादि जैसी सभी चीजों को ट्रैक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इतने सारे काम मिनटों में निपटने के कारण स्मार्टफोन ने पुस्तक, अलार्म घड़ियां, कैमरे और नोटपैड्स को बदल दिया है.
हर घर में जितने लोग नहीं है उससे ज्यादा स्मार्टफोन देखने को मिल जाते हैं. आजकल इन स्मार्टफोन के बिना लाइफ अधूरी है, ये एक जरुरत के साथ आदत भी बन गया है. यद्यपि स्मार्टफोन का उपयोग करने के कई लाभ हैं, लेकिन इन अविश्वसनीय डिवाइसों के अपने स्वयं के कुछ नुकसान भी हैं. विशेषकर, यदि आप लंबे समय तक अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, तो आपको यह जानना होगा की इनसे निकलने वाली लाइट कैसे आपके स्वास्थ्य को नुक्सान पंहुचा सकती है और कई बीमारियों को न्योता भी दे सकती हैं.
हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से एक चक्र का पालन करता है जो हमें दिन के दौरान जागते रहने और सतर्क रहने की अनुमति देता है और रात में आवश्यक विश्राम प्राप्त करने में हमारी मदद करता है. लेकिन जब हम सोने जाते है और तब इन स्क्रीनों को देखते हैं तो हमारा दिमाग भ्रमित हो जाता हैं. रात में मस्तिष्क, मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन करता है जो कि आपके शारीर को सोने का संकेत देता है परन्तु उस समय स्मार्टफोन उपयोग करने की वजह से जो लाइट निकलती है मस्तिष्क ऐसा सही से नहीं कर पाता है. जिसके कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं.
1. लंबी अवधि के दौरान, पर्याप्त नींद अगर नहीं हो पा रही है तो न्यूरोटॉक्सिन बिल्डअप हो सकता है, जिसके कारण अच्छी नींद लेना कठिन हो जाता है. इनसोम्निया नमाक बीमारी हो सकती है.
2. स्मार्टफोन की वजह से रात में नींद खराब होती है, जिससे अगले दिन कोई भी नया काम सीखना कठिन हो सकता है या दिमाग सही प्रकार से काम नहीं करता है,थका हुआ सा महसूस करता है.
3. जब मेलाटोनिन हार्मोन सही से काम नहीं कर पाता है, वो भी स्मार्टफोन से निकलने वाली लाइट के कारण तब अन्य हार्मोन पर भी प्रभाव पड़ता है जो कि भूख को सही से नियंत्रित नहीं कर पाते हैं, संभावित तौर पर मोटापे का जोखिम बढ़ा सकता है.
4. आपकी नींद शेड्यूल बिगड़ने से, सर दर्द, कंफ्यूज़ होने की परेशानियां और आपकी याददाश्त पर भी असर पढ़ सकता है.
5. एक रिसर्च में सामने आया है कि स्मार्टफोन में टॉयलेट सीट से लगभग 10 गुना अधिक बैक्टीरिया होते हैं. जरा सोचिए आप खाते हुए फोन कितनी बार छेड़ते हैं और कितने बैक्टीरिया आपके हाथों के जरिये शारीर में प्रवेश करते होंगे.
6. स्मार्टफोन के लाइट के कारण जब लोगों के अन्दर मेलाटोनिन हार्मोन सही से काम नहीं करता है तब वह डिप्रेशन के भी शिकार हो सकते हैं.
7. स्मार्टफोन से निकलने वाली लाइट और नींद के बीच कुछ संबंध है जिसके कारण प्रोस्ट्रेट और ब्रैस्ट कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
8. स्मार्टफोन से निकलने वाली ब्लू लाइट से आँखों से संबंधी कैटरेक्ट जैसे बीमारी भी हो सकती है. यहां तक की आँखों पर ब्लू लाइट का सीधा पड़ना, रेटिना को डैमेज भी कर सकता है. इसके अलावा कई लोगों की आदत होती है, कि वह अँधेरे में भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, जो आपकी आँखों पर बुरा असर डालते हैं.
9. यह कहना भी गलत नहीं होगा की मोबाइल का आविष्कार हुआ था लोगों को आपस में जोड़ने के लिए, जिससे आसानी से लोग कनेक्ट हो सकें. लेकिन आज के समय में फोन ने इंसान को आइसोलेटे कर दिया है.
10. क्या आप नोमोफोबिया के बारे में जानते हैं? मोबाइल फोन खो जाने या फिर सिग्नल नहीं होने या खराब होने के डर को नोमोफोबिया कहते हैं. कम समय के लिए ही सही परन्तु मोबाइल फोन खोने का अनुभव अधिकतर सभी को होता है. बिना फोन के आजकल यूज़र खुद को अधुरा और घबराया हुआ महसूस करता है.
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि स्मार्टफोन आजकल लाइफ का एक अहम हिस्सा बन गया है परन्तु हमें इसका उपयोग सही से करना चाहिए ताकि स्वास्थ ठीक रहे. हो सके तो रात में इसका उपयोग कम करें ताकि स्मार्टफोन से निकलने वाली रेडिएशन से हानिकारक बीमारीयाँ न हो सके.