
भारत ने 1900 से लेकर अब तक हर ग्रीष्मकालीन खेलों में भाग लिया है और 35 पदक जीते हैं। इस लेख में भारत द्वारा जीते गए सभी ओलंपिक पदकों का विवरण दिया गया है।
पहला आधुनिक ओलंपिक सन् 1896 में एथेंस, ग्रीस में आयोजित किया गया था और भारत ने ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में शुरू होने के चार साल बाद भाग लिया था। आज़ादी से पहले भारत ने सन् 1900 में अपने एकमात्र एथलीट नॉर्मन प्रिचर्ड को पेरिस भेजा था, जहां उन्होंने पुरुषों की 200 मीटर और पुरुषों की 200 मीटर हर्डल रेस में दो पदक जीते थे।
भारत ने तब से लेकर अब तक हर ग्रीष्मकालीन खेलों में भाग लिया है और 35 पदक जीते हैं। इस लेख में भारत द्वारा 1900 से अबतक जीते गए सभी ओलंपिक पदकों का विवरण दिया गया है।
नॉर्मन प्रिचर्ड – रजत पदक – पुरुषों की 200 मीटर और 200 मीटर हर्डल्स, पेरिस 1900
पेरिस 1900 से भारत ने अपने पहले ओलंपिक खेल की शुरुआत की थी। आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पहले भारतीय प्रतिनिधि ने एथलेटिक्स में पांच पुरुष स्पर्धाओं में भाग लिया था जिसमें 60 मीटर, 100 मीटर, 200 मीटर, 110 मीटर और 200 मीटर हर्डल रेस शामिल हैं। उन्होंने 200 मीटर और 200 मीटर हर्डल रेस में रजत पदक जीते थे। ये आज़ादी से पूर्व ये भारत का पहला व्यक्तिगत पदक था।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – एम्स्टर्डम 1928
भारतीय हॉकी टीम ने पांच मैचों में 29 गोल करके अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। ध्यान चंद ने फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में हैट्रिक सहित 14 गोल किए थे। यह ओलंपिक में भारतीय हॉकी पुरुष टीम का पहला पदक था।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – लॉस एंजिल्स 1932
कम क्षेत्र में खेले गए मैच में भारतीय हॉकी टीम ने पहले जापान को 11-1 से हराया था और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ 24-1 की भारी जीत हासिल कर भारत के लिए हॉकी में दूसरा ओलंपिक स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया था। इस साल ध्यान चंद के साथ-साथ उनके छोटे भाई रूप सिंह भी भारत के स्टार खिलाड़ी के रुप में उभरे थे।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – बर्लिन 1936
ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने बर्लिन 1936 में ओलंपिक स्वर्ण की हैट्रिक पूरी की थी। उस वर्ष भारत ने पांच मैचों में 38 गोल किए थे और फाइनल मुकाबले में भारत 8-1 से जीता था।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – लंदन 1948
स्वतंत्रता के बाद भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक आश्चर्यजनक रूप से भारतीय हॉकी टीम से आया। भारत ने तीन मैचों में 19 गोल करके फाइनल में प्रवेश किया और मेजबान ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराकर चौथा ओलंपिक स्वर्ण झटका। इस वर्ष बलबीर सिंह सीनियर ने तीन मैचों में 19 गोल किए थे।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – हेलसिंकी 1952
भारतीय हॉकी टीम ने लगातार पांचवीं बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए ठंड की स्थिति पर काबू पा लिया था। बलबीर सिंह सीनियर ने तीन मैचों में नौ गोल किए थे, जिसमें नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में पांच गोल शामिल हैं। ये ओलंपिक पुरुष हॉकी फाइनल में किसी खिलाड़ी द्वारा किए गए सबसे अधिक गोल हैं।
केडी जाधव, कांस्य पदक – पुरुषों की बैंटमवेट कुश्ती, हेलसिंकी 1952
पहलवान खशाबा दादासाहेब जाधव पुरुषों की फ्रीस्टाइल बैंटमवेट श्रेणी में कांस्य पदक जीतने के बाद आज़ाद भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता बने। इस मेहनती पहलवान ने अपनी ओलंपिक यात्रा के लिए दर-दर भटक कर धन इकट्ठा किया था।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – मेलबर्न 1956
मेलबर्न 1956 में भारतीय हॉकी टीम के लिए यह लगातार छटवां ओलंपिक स्वर्ण था। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में प्रतिद्वंदी को एक भी गोल मारने का मौका नहीं दिया था और फाइनल में कप्तान बलबीर सिंह सीनियर अपने फ्रैक्चर हुए दाहिने हाथ के साथ खेले थे और पाकिस्तान पर फाइनल में 1-0 से फतह हासिल की।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, रजत पदक – रोम 1960
हॉकी में भारत की अद्वितीय स्वर्ण लय रोम 1960 में पाकिस्तान से 1-0 से हारकर समाप्त हुई और उस वर्ष भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, स्वर्ण पदक – टोक्यो 1964
भारतीय हॉकी टीम ने पिछले ओलंपिक में पाकिस्तन से हारने के बाद 1964 में टोक्यो में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने ग्रुप चरणों में चार मैच जीतकर और दो ड्रॉ दर्ज कर सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। भारत ने लगातार तीसरी बार फाइनल में पाकिस्तान का सामना किया था और पेनल्टी स्ट्रोक गोल के कारण 1-0 से जीत दर्ज की थी।
भारतीय हॉकी पुरुष टीम, कांस्य पदक – मेक्सिको सिटी 1968
जहां एक ओर यूरोप में हॉकी को और अधिक प्रमुखता मिल रही थी वहीं भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक में दबदबा कम होता जा रहा था। भारत ने मेक्सिको, स्पेन को हराकर जापान के खिलाफ वॉकओवर हासिल कर लिया था लेकिन सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 2-1 से हार गया था। भारत कांस्य पदक जीतने में सफल तो रहा लेकिन ओलंपिक में पहली बार शीर्ष दो से बाहर हो गया था।
- 3 may 2023 The Hindu Notes
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