हीरा कैसे बनता है? हीरा (Diamond) रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है इसमें बिल्कुल मिलावट नहीं होती है, यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाये, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिलकुल भी राख नहीं बचती है, इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैं. आइये जानते हैं हीरा कैसे बनता है और कैसे इसे पहचाने.
हीरा कैसे बनता है? सगाई की अंगूठियों से लेकर बढ़िया गहनों तक, हीरे हमारे रोजमर्रा के जीवन में इतने आम हैं कि अक्सर हम यह सोचते हैं कि आखिर वे कहाँ से आए हैं. लेकिन इन छोटे रत्नों के निर्माण से लेकर गहनों की दुकान तक की यात्रा वास्तव में काफी प्रभावशाली हैl
इस लेख में, हम हीरे के बनने के मुख्य तरीकों और हीरे कहाँ पाए जाते हैं, इसके बारे में अध्ययन करेंगेl पृथ्वी की सतह के नीचे से लेकर एक अच्छी तरह से विनियमित प्रयोगशाला तक, आपको आश्चर्य हो सकता है कि ये चमकदार पत्थर कहाँ पाए जाते हैंl
हीरे सदियों से राजसी वैभव और विलासिता के प्रतीक रहे हैं भारत; हजारों साल से इनके कारोबार का केंद्र रहा हैl रोमन लोग इन्हें ‘भगवान के आंसू’ कहते थेl 1700 के दशक के बाद से भारत विश्व का प्रमुख हीरा उत्पादक देश नहीं है, इसके बावजूद भारत में हीरे का खनन जारी हैl 2013 में, भारत की बड़ी औद्योगिक खदानों और कई छोटी खदानों को मिलाकर केवल 37,515 कैरेट हीरे खनन किए गए थे जो उस वर्ष पूरे विश्व के उत्पादन 132.9 मिलियन कैरेट के एक प्रतिशत के दसवें हिस्से से भी कम थाl
बहुत से लोग कहते हैं कि विश्व के पहले हीरे की खोज आज से 4000 साल पहले भारत के गोलकोंडा क्षेत्र (आधुनिक हैदराबाद)) में नदी के किनारे की चमकदार रेत में हुई थी l पश्चिमी भारत के औद्योगिक शहर सूरत में दुनिया के 92% हीरों को काटने और पॉलिश करने का काम किया जाता है और इस काम के कारण दुनिया में करीब 500,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है l
हीरा किस चीज़ का बना होता है ?
हीरा एक पारदर्शी रत्न होता है। यह रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है इसमें बिल्कुल मिलावट नहीं होती है, यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाये, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिलकुल भी राख नहीं बचती है, इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैंl हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एव सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 3.51 होता है।
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हीरा इतना मजबूत क्यों होता है?
हीरे में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है। हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदार्थ है l इसमें उपस्थित चारों इलेक्ट्रान सह-संयोजी बन्ध में भाग लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान स्वतंत्र नहीं होता है इसलिए हीरा ऊष्मा तथा विद्युत् का कुचालक होता है।
(हीरे विभिन्न आकार के हो सकते हैं)
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कहां बनते हैं हीरे
वैज्ञानिकों के मुताबिक;हीरे जमीन से करीब 160 किलोमीटर नीचे, बेहद गर्म माहौल में हीरे बनते हैंl इसके बाद ज्वालामुखीय गतिविधियां इन्हें ऊपर की ओर लाती हैl ग्रहों या पिंडों की टक्कर से भी हीरे मिलते हैंl हीरे अथाह गहराई में बहुत ज्यादा दबाव और तापमान के बीच कार्बन के अणु बेहद अनोखे ढंग से जुड़ते हैं और हीरे जैसे दुलर्भ पत्थर में बदलते हैंl
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कैसे पहचाने असली और नकली हीरे को ?
अमेरिका के जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के शोध के मुताबिक बेहद गहराई से निकलने वाले हीरे रासायनिक रूप से शुद्ध होते हैं और ये अद्भुत रूप से पारदर्शी होते हैंl प्राकृतिक हीरों और फैक्ट्री में बनाए गए हीरों के बीच फर्क बताना बहुत ही मुश्किल हैl केवल एक खास उपकरण से असली हीरे की पहचान होती हैl हालांकि निम्न प्रकार भी असली-नकली हीरे की पहचान की जा सकती है l
(प्रसिद्द कोहिनूर हीरे का इतिहास)
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I. असली हीरे के अंदर की बनावट ऊबड़ खाबड़ होती है लेकिन कृत्रिम हीरा अंदर से सामान्य दिखता हैl असली हीरे में कुछ न कुछ खांचे होते है,जो बारह सौ गुणा ताकतवर माइक्रो स्कोप की मदद से देखे जा सकते है।
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II. आप हीरे को अखबार पर रखे और उसके पार से अक्षरो को पढ़ने की कोशिश करे। अगर आपको टेढ़ी लकीरे दिखे तो इसका मतलब है की आपका हीरा नकली है।
III. अगर आप हीरे को पराबैंगनी किरणों में देखेंगे तो यदि वह हीरा नीली आभा के साथ चमकता है तो हीरा असली है। परन्तु हीरे से हलकी पीली हरी या फिर स्लेटी रंग की आभा निकले तो समझ लीजिये की ये मोइसा नाइट है।
IV. असली हीरा पानी में डालते ही डूब जाता है जबकि नकली हीरा पानी के ऊपर तैरने लगता है।
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क्या हीरे बनाये भी जा सकते हैं ?
भुनी हुई मूँगफली को पीसकर बनाए गए पेस्ट का इस्तेमाल जिसे ‘पीनट बटर’ कहते हैंl इस पेस्ट को धरती की सतह से 800-900 किलोमीटर नीचे भारी दबाव के बीच रखा जाये तो क्रिस्टल की आणविक संरचना बदल जाती है और वह हीरे में परिवर्तित हो जाता हैl
(मूँगफली का पेस्ट)
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दूसरी विधि से हीरा अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में सारासोता इलाका में बनाया जाता है l यहां हीरों की खेती होती हैl हीरे के एक छोटे से टुकड़े का बीज की तरह इस्तेमाल किया जाता हैl कार्बन के साथ मिलाकर हीरे के टुकड़े को एक ग्रोथ चैंबर में डाला जाता है फिर इन्हें एक रिएक्टर में लाया जाता है;
इस रिएक्टर का तापमान और दबाव बिलकुल पृथ्वी के गर्भ जैसा होता है लगभग 3,000 डिग्री सेल्सियस और 50,000 एट्मोस्फियर के दबाव में ग्रेफाइट हीरा बनने लगता हैl इस विधि से हीरा बनने 82 घंटे लगते हैं, इतने समय में हीरे का छोटा टुकड़ा कच्चा हीरा बन जाता है इसे एसिड के घोल में डालकर अलग किया जाता हैl
भारत में हीरे की खदानें कहां हैं ?

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भारत में पन्ना और बुंदर परियोजना (मध्य प्रदेश) और कोल्लूर खान, गोलकोंडा (आंध्र प्रदेश) में हीरे की खदानें पायीं जातीं हैं l गोलकोंडा की प्रसिद्द खदान से ही कोहिनूर नाम का प्रसिद्द हीरा निकला था जो कि आजकल ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के मुकुट की शोभा बढ़ा रहा है l
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