
भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराध की परिभाषा व का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता पर लागू नहीं होती।अनुच्छेद 370 हटने के बाद में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (IPC) लागू है।
भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् 1860 में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर होने के बाद)। औरने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश आदि) में भी लागू की गयी थी। लेकिन इसमें अब तक बहुत से संशोधन किये जा चुके है।
मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराध
- धारा 299 आपराधिक मानव वध
- धारा 300 हत्या
- धारा 301 जिस व्यक्ति की मॄत्यु कारित करने का आशय था उससे भिन्न व्यक्ति की मॄत्यु करके आपराधिक मानव वध करना।
- धारा 302 हत्या के लिए दण्ड
- धारा 303 आजीवन कारावास से दण्डित व्यक्ति द्वारा हत्या के लिए दण्ड।
- धारा 304 हत्या की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड
- धारा 304 क उपेक्षा द्वारा मॄत्यु कारित करना
- धारा 304 ख दहेज मॄत्यु
- धारा 305 शिशु या उन्मत्त व्यक्ति की आत्महत्या का दुष्प्रेरण।
- धारा 306 आत्महत्या का दुष्प्रेरण
- धारा 307 हत्या करने का प्रयत्न
- धारा 308 गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास
- धारा 309 आत्महत्या करने का प्रयत्न।
- धारा 310 ठग।
- धारा 311 ठगी के लिए दण्ड।
- धारा 312 गर्भपात कारित करना।
- धारा 313 स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना।
- धारा 314 गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यों द्वारा कारित मॄत्यु।
- धारा 315 शिशु का जीवित पैदा होना रोकने या जन्म के पश्चात् उसकी मॄत्यु कारित करने के आशय से किया गया कार्य।
- धारा 316 ऐसे कार्य द्वारा जो गैर-इरादतन हत्या की कोटि में आता है, किसी सजीव अजात शिशु की मॄत्यु कारित करना।
- धारा 317 शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का परित्याग और अरक्षित डाल दिया जाना।
- धारा 318 मॄत शरीर के गुप्त व्ययन द्वारा जन्म छिपाना
- धारा 319 क्षति पहुँचाना।
- धारा 320 घोर आघात।
- धारा 321 स्वेच्छया उपहति कारित करना
- धारा 322 स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
- धारा 323 जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड, यह एक असंज्ञेय अपराध है तथा पुलिस द्वारा जमानतीय है ।
- धारा 324 खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना
- धारा 325 स्वेच्छापूर्वक किसी को गंभीर चोट पहुचाने के लिए दण्ड
- धारा 326 खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक घोर उपहति कारित करना।
- धारा 326 क एसिड हमले
- धारा 326 ख एसिड हमला करने का प्रयास
- धारा 327 संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छापूर्वक चोट पहुँचाना।
- धारा 328 अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा क्षति कारित करना।
- धारा 329 सम्पत्ति उद्दापित करने के लिए या अवैध कार्य कराने को मजबूर करने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
- धारा 330 संस्वीकॄति जबरन वसूली करने या विवश करके संपत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया क्षति कारित करना।
- धारा 331 संस्वीकॄति उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन कराने के लिए स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
- धारा 332 लोक सेवक अपने कर्तव्य से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना
- धारा 333 लोक सेवक को अपने कर्तव्यों से भयोपरत करने के लिए स्वेच्छया घोर क्षति कारित करना।
- धारा 334 प्रकोपन पर स्वेच्छया क्षति करना
- धारा 335 प्रकोपन पर स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
- धारा 336 दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा पहुँचाने वाला कार्य।
- धारा 337 किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करना
- धारा 338 किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, गंभीर चोट पहुँचाना कारित करना
- धारा 339 सदोष अवरोध।
- धारा 340 सदोष परिरोध या गलत तरीके से प्रतिबंधित करना।
- धारा 341 सदोष अवरोध के लिए दण्ड
- धारा 342 ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करने के लिए दण्ड।
- धारा 343 तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध।
- धारा 344 दस या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध।
- धारा 345 ऐसे व्यक्ति का सदोष परिरोध जिसके छोड़ने के लिए रिट निकल चुका है
- धारा 346 गुप्त स्थान में सदोष परिरोध।
- धारा 347 सम्पत्ति की जबरन वसूली करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध।
- धारा 348 संस्वीकॄति उद्दापित करने के लिए या विवश करके सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन करने के लिए सदोष परिरोध
- धारा 349 बल।
- धारा 350 आपराधिक बल
- धारा 351 हमला।
- धारा 352 गम्भीर प्रकोपन के बिना हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड
- धारा 353 लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
- धारा 354 स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
- धारा 354 क यौन उत्पीड़न
- धारा 354 ख एक औरत नंगा करने के इरादे के साथ कार्य
- धारा 354 ग छिप कर देखना
- धारा 354 घ पीछा
- धारा 355 गम्भीर प्रकोपन होने से अन्यथा किसी व्यक्ति का अनादर करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
- धारा 356 हमला या आपराधिक बल प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति द्वारा ले जाई जाने वाली संपत्ति की चोरी का प्रयास।
- धारा 357 किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
- धारा 358 गम्भीर प्रकोपन मिलने पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
- धारा 359 व्यपहरण
- धारा 360 भारत में से व्यपहरण।
- धारा 361 विधिपूर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण
- धारा 362 अपहरण।
- धारा 363 व्यपहरण के लिए दण्ड
- धारा 363 क भीख मांगने के प्रयोजनों के लिए अप्राप्तवय का व्यपहरण का विकलांगीकरण
- धारा 364 हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण करना।
- धारा 364क फिरौती, आदि के लिए व्यपहरण।
- धारा 365 किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से सीमित / क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण।
- धारा 366 विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना।
- धारा 366 क अप्राप्तवय लड़की का उपापन
- धारा 366 ख विदेश से लड़की का आयात करना
- धारा 367 व्यक्ति को घोर उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण।
- धारा 368 व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को गलत तरीके से छिपाना या क़ैद करना।
- धारा 369 दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण
- धारा 370 मानव तस्करी दास के रूप में किसी व्यक्ति को खरीदना या बेचना।
- धारा 371 दासों का आभ्यासिक व्यवहार करना।
- धारा 372 वेश्यावॄत्ति आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को बेचना।
- धारा 373 वेश्यावॄत्ति आदि के प्रयोजन के लिए नाबालिग को खरीदना।
- धारा 374 विधिविरुद्ध बलपूर्वक श्रम।
- धारा 375 बलात्संग
- धारा 376 बलात्कार के लिए दण्ड
- धारा 376 क पॄथक् कर दिए जाने के दौरान किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ संभोग्र
- धारा 376 ख लोक सेवक द्वारा अपनी अभिरक्षा में की किसी स्त्री के साथ संभोग
- धारा 376 ग जेल, प्रतिप्रेषण गॄह आदि के अधीक्षक द्वारा संभोग
- धारा 376 घ अस्पताल के प्रबन्ध या कर्मचारिवॄन्द आदि के किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ संभोग
- धारा 376 (E) पुनरावृति अपराधियों के लिए सजा की व्यवस्था
- धारा 377 प्रकॄति विरुद्ध अपराध
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