भारतीय दण्ड संहिता भारत के अन्दर भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किये गये कुछ अपराध की परिभाषा व का प्रावधान करती है। किन्तु यह संहिता पर लागू नहीं होती।अनुच्छेद 370 हटने के बाद में भी अब भारतीय दण्ड संहिता (IPC) लागू है।
भारतीय दण्ड संहिता ब्रिटिश काल में सन् 1860 में लागू हुई। इसके बाद इसमे समय-समय पर संशोधन होते रहे (विशेषकर होने के बाद)। औरने भी भारतीय दण्ड संहिता को ही लागू किया। लगभग इसी रूप में यह विधान तत्कालीन अन्य ब्रिटिश आदि) में भी लागू की गयी थी। लेकिन इसमें अब तक बहुत से संशोधन किये जा चुके है।
सेना, नौसेना और वायुसेना से सम्बन्धित अपराधें के विषय में
- धारा 131 विद्रोह का दुष्प्रेरण का किसी सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक को कर्तव्य से विचलित करने का प्रयत्न करना
- धारा 132 विद्रोह का दुष्प्रेरण, यदि उसके परिणामस्वरूप विद्रोह हो जाए।
- धारा 133 सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी, जब कि वह अधिकारी अपने पद-निष्पादन में हो, पर हमले का दुष्प्रेरण।
- धारा 134 हमले का दुष्प्रेरण जिसके परिणामस्वरूप हमला किया जाए।
- धारा 135 सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा परित्याग का दुष्प्रेरण।
- धारा 136 अभित्याजक को संश्रय देना
- धारा 137 मास्टर की उपेक्षा से किसी वाणिज्यिक जलयान पर छुपा हुआ अभित्याजक
- धारा 138 सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अनधीनता के कार्य का दुष्प्रेरण।
- धारा 138 क पूर्वोक्त धाराओं का भारतीय सामुद्रिक सेवा को लागू होना
- धारा 139 कुछ अधिनियमों के अध्यधीन व्यक्ति।
- धारा 140 सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली पोशाक पहनना या प्रतीक चिह्न धारण करना।
- पोस्ट ऑफिस भर्ती : 25000 से अधिक क्लर्क, पोस्टिया, सहायक पदों पर भर्ती
- RPF Recruitment 2023: Railway Protection Force (RPF)
- 22 हजार से ज्यादा क्लर्क, चपरासी के पदों पर
- 31 May 2023 The Hindu Newspaper Notes
- The Hindu Vocabulary For All Competitive Exams | 31-05-2023