भारत में 7000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. कई रेलवे स्टेशन अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं तो कई अपने लंबे प्लेटफ़ॉर्म के लिए, इत्यादि. आइये इसे लेख के माध्यम से उन रेलवे स्टेशनों के बारे में जानते हैं जो अपने अनोखेपन या अलग होने के लिए जाने जाते हैं.
रेलवे स्टेशन सिर्फ परिवहन केंद्र ही नहीं है; यह ऐसी जगह है जो आपको आपकी ट्रेन के प्लेटफॉर्म से निकलने से पहले ही दूसरी दुनिया में ले जाती है. भारत में, रेलवे स्टेशनों का दौरा अक्सर एक और युग की याद दिलाता है जैसे पुरानी यादों, वास्तुकला और दिलचस्प इतिहास. देशभर में ट्रेन से लोग सफर करते हैं. इसके द्वारा सफर करने से आसानी से दूसरे शहर तक पहुंचा जा सकता है.
भारत में 7000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. कई रेलवे स्टेशन अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं तो कई अपने लंबे प्लेटफ़ॉर्म के लिए, इत्यादि. आइये भारत के 5 कुछ अलग या अनोखे रेलवे स्टेशनों के बारे में जानते हैं.
भारत के 5 सबसे अनोखे रेलवे स्टेशन
1. नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station)

महाराष्ट्र के नंदुरबार (Nandurbar) जिले में एक तालुका मुख्यालय नवापुर में एक अनूठा रेलवे स्टेशन है जो सिर्फ एक राज्य से संबंधित नहीं है. इस स्टेशन का एक हिस्सा महाराष्ट्र में है, जबकि दूसरा हिस्सा
स स्टेशन पर लोगों को बेंच पर बैठते वक्त ध्यान देना पड़ता है कि वे किस राज्य में बैठे हैं. क्योंकि बेंच के आधे हिस्से में महाराष्ट्र लिखा हुआ है और आधे में गुजरात. स्टेशन पर घोषणाएं भी चार भाषाओं, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी और गुजराती में की जाती हैं.
नवापुर रेलवे स्टेशन का टिकट काउंटर और पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में स्थित है. दूसरी ओर, तापी जिले में गुजरात की ओर प्रतीक्षालय, शौचालय और स्टेशन मास्टर का कार्यालय है.
ऐसा बताया जाता है कि जब इस स्टेशन का निर्माण हुआ था तब महाराष्ट्र और गुजरात एक ही राज्य थे. ये स्टेशन संयुक्त मुंबई प्रांत का हिस्सा था. जब मुंबई प्रांत का विभाजन 1 मई, 1960 को हुआ तो दो राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित हो गया. इस बंटवारे में नवापुर स्टेशन आया और तब से इसकी पहचान एक अलग सी बन गई.
2. भवानी मंडी (Bhawani Mandi)

आपको जान कर हैरानी होगी कि भारत में भवानी मंडी स्टेशन एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसमें ट्रेन का इंजन एक राज्य में तो ट्रेन के गार्ड का डिब्बा दूसरे राज्य में खड़ा होता है. यह रेलवे स्टेशन दोनों राज्यों राजस्थान और मध्यप्रदेश के अंतर्गत आता है. इस रेलवे स्टेशन के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगा हुआ है और दूसरे छोर पर मध्यप्रदेश राज्य का बोर्ड लगा हुआ है.
ये रेलवे स्टेशन दो राज्यों की सीमा पर बना हुआ है. इसकी ख़ास बात यह है कि इस स्टेशन का बुकिंग काउंटर मध्य प्रदेश के मंदसोर जिले में है तो दूसरी और स्टेशन में प्रवेश का रास्ता और वेटिंग रूम, राजस्थान के झालावाड़ जिले में है. सबसे अनोखी बात इस स्टेशन की यह है कि यहाँ पर टिकट की लाइन मध्यप्रदेश में शुरू होती है और लोग राजस्थान तक खड़े होते हैं.
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3. बेनाम रेलवे स्टेशन (A Railway station without name)

क्या आपने कभी बिना नाम के रेलवे स्टेशन के बारे में सुना है? या ऐसे स्टेशन के बारे में सुना हो जो बिना किसी नाम के पूरी तरह कार्यात्मक हो.
पश्चिम बंगाल के बर्धमान (Burdwan) जिले के रैना गांव में आपका स्वागत है. बर्धमान टाउन से लगभग 35 किलोमीटर दूर बांकुरा-मैसग्राम रेल लाइन पर भारतीय रेलवे ने 2008 में यहां एक नया स्टेशन का निर्माण किया था. लेकिन, जब से यह अस्तित्व में आया है, तब से इसे बिना नाम के स्टेशन के रूप में जाना जाने लगा है.
उस वक्त इस स्टेशन को नाम भी दिया गया था और वो नाम था रैनागढ़ लेकिन रैना गाँव के लोगों को ये नाम पसंद नहीं आया और उन्होंने रेलवे बोर्ड से इसके बारे में शिकायत कर दी. तब से इस स्टेशन के नाम पर कोई फैसला नहीं आया है और ना ही इस स्टेशन को कोई नाम मिला.
4. झारखंड का बेनाम स्टेशन
झारखंड की राजधानी रांची से टोरी जाने वाली ट्रेन भी एक बेनाम स्टेशन से होकर गुजरती है. यहाँ पर किसी भी प्रकार का कोई साइन बोर्ड भी देखने को नहीं मिलेगा.
जब इस स्टेशन से 2011 में पहली बार ट्रेन का परिचालन हुआ तो रेलवे ने इसका नाम बड़कीचांपी रखने का सोचा था. परन्तु इसपर कमले गाँव का विरोध करने पर यह स्टेशन बेनाम ही रह गया. उन लोगों का कहना था की इस रेलवे स्टेशन को बनाने के लिए उनके गाँव की जमीन और मजदूर लगे थे इसलिए इस गाँव का नाम कमले स्टेशन होना चाहिए. इस प्रकार इस विवाद के बाद आज भी इस स्टेशन को कोई नाम नहीं मिला है.
5. अटारी (Atari)

भारत में एक ऐसा इकलौता रेलवे स्टेशन है जहां वीजा होना अनिवार्य है और इस रेलवे स्टेशन का नाम अटारी है. ये स्टेशन अमृतसर का अटारी रेलवे स्टेशन है. इस स्टेशन पर जाने के लिए पाकिस्तानी वीजा का होना अनिवार्य कर दिया गया है. यह स्टेशन भारत पकिस्तान की सीमा पर स्थित है और इस कारण से यह हमेशा सुरक्षा बलों की सख्त निगरानी में रहता है. यदि कोई बिना वीजा के यहाँ पकड़ा जाता है तो उस पर 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है.
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