
रासायनिक हथियार क्या होते हैं और कितने प्रकार के होते हैं ?
मनुष्य ने जितनी वस्तुएं अपने आराम के लिए बनायीं हैं उससे ज्यादा वस्तुएं अपने विनाश के लिए बना ली हैं.इन्हीं विनाश के सामानों में एक है रासायनिक हथियार. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि रासायनिक हथियार क्या होते हैं, शरीर पर इनका क्या असर होता है, खतरनाक रासायनिक हथियार कौन-कौन से हैं आदि?
हथियारों के बारे में तो आपने सुना ही होगा. हथियार कोई भी हो खतरनाक ही होता है और अधिकतर इनका इस्तेमाल जान लेने और जख्मी करने के लिए किया जाता है. हथियार कई प्रकार के होते हैं जैसे रासायनिक हथियार, जैविक हथियार आदि. रासायनिक हथियारों को रासायनिक हमले में इस्तेमाल किया जाता हैं. क्या आप जानते है कि रासायनिक हथियारों को विशेष प्रकार की श्रेणी में रखा जाता है क्योंकि बाकी हथियारों की अपेक्षा ये अधिक जान और माल का नुक्सान करते हैं. इनकी मारक क्षमता काफी ज्यादा होती है इसलिए ये महा विनाशकारी हथियारों की श्रेणी में आते हैं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते है कि रासायनिक हथियार क्या होते हैं, शरीर पर इनका क्या असर होता है, खतरनाक रासायनिक हथियार कौन-कौन से हैं आदि.
रासायनिक हथियार क्या होते हैं?
रासायनिक हथियार को केमिकल वेपन भी कहते है. इन हथियारों को गैस या तरल किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता हैं. इनके फैलने की गति बहुत तेज होती है इसलिए ही तो ये कुछ ही मिनटों में हजारों जानें ले सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार रासायनिक हथियारों का भंडार पृथ्वी पर जिंदगी को कई बार ख़त्म कर सकता है.
क्या आप जानते हैं कि रासायनिक हमला या केमिकल अटैक क्या होता है
जब रासायनिक हमला या केमिकल अटैक होता है तो जहरीले तरल, ठोस या गैस के पदार्थों को जानबूझकर पर्यावरण में छोड़ा जाता है जिससे पर्यावरण में गैस होने के कारण जहर बन जाता है और इसका पर्यावरण पर भी काफी असर पड़ता है. मूल रूप से रासायनिक हथियारों में ऐसे रसायनिक पदार्थों को मिलाया जाता है जैसे विषैली गैस ऑक्सिम, लेविसिट, सल्फर मस्टर्ड, नाइट्रोजन मस्टर्ड, सरीन, विषैली गैस क्लोराइड, हाइड्रोजन
साइनाइड, फॉस्जीन, डाई फॉस्जीन आदि.
हमारे शरीर पर रासायनिक हथियारों का क्या प्रभाव पड़ता हैं?
रसायनिक हथियारों में विषैली गैस, ठोस या तरल पदार्थ होने के कारण जब इनको पर्यावरण में छोड़ा जाता है तो हमारे शरीर को काफी नुक्सान पाहुंचता है जैसे कि पीड़ित की आंखों से लगातार पानी आना शुरू हो जाता है, नाक से भी पानी बहता है, दम घुटने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होती है और फिर इन्हीं कारणों से मौत हो सकती है.
रासायनिक हथियारों के प्रकार
1. वीएक्स (VX): ये ऑर्गनोफॉस्फेट क्लास का एक कंपाउंड है जो कि बहुत ही जहरीला रासायनिक मिश्रण है. दिखने में ये थोड़ा तैलीय होता है. इसमें कोई गंध और रंग नहीं होता है. इसे कीटनाशक के रूप में तैयार किया गया था. ये इंसान के शरीर के तंत्रिका तंत्र पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है. ये काफी स्थिर होता है जिसके कारण त्वचा, कपड़े और दूसरी चीजों से चिपक जाता है और लंबे समय तक रहता है. इसकी खुद की आयु भी लंबी होती है. कुछ ही सेकंड में इसकी छोटी सी डोज असर दिखाना शुरू कर देती है, पीड़ित का दम घुटने लगता है, दिल काम करना बंद कर देता है और तुरंत ही मौत हो जाती है.
2. सारीन: क्या आप जानते है कि 1938 में कुछ जर्मन के वैज्ञानिकों ने इस रसायनिक हथियार को तैयार किया था. इसको भी कीटनाशक के रूप में, हानिकारक कीटों को मारने के लिए तैयार किया गया था. इसे नर्व गैस भी कहते है. वाष्पशील होने के कारण यह आसानी से गैस में बदल जाता है. इसमें भी कोई गंध और रंग नहीं होता है. यह काफी अस्थिर होता है जिसके कारण यह जल्द नुकसानरहित यौगिकों में बदल जाता है. शरीर पर इसका भी तंत्रिका तंत्र पर असर होता है. पीड़ित व्यक्ति की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं, नाक और आंख से पानी गिरने लगता है और मौत हो जाती है.
3. ताबुन: इसको 1936 में श्रेडर ने खोजा था. इसका तरल रूप फलों जैसी गंध देता है. इसका इस्तेमाल अभी तक कभी भी नहीं हुआ है. सूंघने से या त्वचा के संपर्क में आने से यह
गैस शरीर में चली जाती है और लक्षण सारिन जैसा ही होता है.
4. मस्टर्ड गैस: इसका पहली बार इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ था. यह गैस कपड़ों को छेद कर त्वचा में समा जाती है. पीड़ित के शरीर में आंखों, श्वसन तंत्र, त्वचा और कोशिकाओं पर सीधा असर करती है. इस गैस के त्वचा के संपर्क में आने से खुजली और जलन होती है, त्वचा लाल हो जाती है, फफोले निकल जाते है आदि. ये शरीर में धीरे धीरे असर करता है, एक धीमे जहर की तरह, लेकिन बेहद खतरनाक होता है. इससे प्रभावित व्यक्ति अँधा भी हो सकता है. यदि ये गैस नाक के रास्ते से अंदर जाती है तो जानलेवा हो सकती है क्योंकि यह फेफड़ों के उत्तकों को नुकसान पहुंचाती है.
5. फॉसजेन गैस: क्या आप जानते हैं कि इस गैस को आम तौर पर प्लास्टिक और कीटनाशक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. परन्तु यह काफी खतरनाक हथियारों में से एक भी है. जब व्यक्ति
इसके संपर्क में आता है तो सांस फूलने लगती है, दम घुटने लगता है, नाक बहना शुरू हो जाती है और कफ बन जाता है.
6. क्लोरीन: ये हम सब जानते हैं कि इसका इस्तेमाल कीटनाशक बनाने, रबर बनाने, साफ करने आदि के लिए किया जाता है. परन्तु इसको ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती है. जब ये शरीर में प्रवेश करती है तो फेफड़ों पर सीधा असर पड़ता है और बहुत ही कम समय में पीड़ित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है.
अब आप समझ गए होंगे कि रासायनिक हथियार क्या होते हैं, कैसे ये हमारे लिए हानिकारक है और कितने प्रकार के होते हैं.
- Details About Cryptocurrencies their Future.
- उत्तर प्रदेश शिक्षक रिक्ति: उत्तर प्रदेश में टीचर्स स्कूलों में
- Basics of India , Location, latitude, longitude, time zone
- UPSC PYQ 𝐀𝐫𝐭 & 𝐂𝐮𝐥𝐭𝐮𝐫𝐞
- MCQ