IPS Akshat Kaushal Success Story:
‘कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती’. इस कहावत को हम सभी न एक न एक बार अपनी जिंदगी में जरुर सुना ही होगा साथ ही कई लोग इस बात को मानते भी है. जैसा की आपको पता होगा की प्रत्यक वर्ष यूपीएससी की ओर से सिविल सेवा परीक्षा को आयोजित किया जाता है. बता दें कि इस परीक्षा के लिए कम से कम 10 लाख कैंडीडेट्स आवेदन करते हैं, किंतु उन 10 लाख में मात्र 10 या 15 उम्मीदवार ही ऐसे होते हैं, जो कोई इतिहास रच जाए और अपना सपना पूरा कर सकते हैं. इस परीक्षा की तैयारी कैंसिडेट्स कई समय तक करते हैं, किंतु इसके बाद भी वे इस परीक्षा को क्रैक नहीं कर पाते है जिसके कारण कुछ निराश हो जाते हैं और उम्मीद चोर देते है तो कुछ एक बार फिर उस मुकाम को हासिल करने के लिए जीजान लगा देते है.
आज हम आपको उन्हीं 10-15 अभ्यर्थियों में से एक मेहनती और जाबाज कैंडिडेट की सफलता की कहानी बताएंगे जिन्होंने केवल 17 दिन की तैयारी में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक कर लिया था.
इस जाबाज अभ्यर्थी को देश आईपीएस ऑफिसर अक्षत कौशल से संबोधित करती हैं. बता दें कि अक्षत साल 2017 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 55वीं रैंक को हासिल करके IPS ऑफिसर बने थे.
दरअसल, अक्षत ने यह मुकाम अपने 5वें प्रयास के बाद हासिल किया था. उन्होंने इससे पूर्व 4 बार असफल होने की वजह से यूपीएससी पर गिव अप कर दिया था. लेकिन यूपीएससी की परीक्षा के मात्र 17 दिन पूर्व जब वह अपने कुछ दोस्तों से मिले, तो बातचीत के दौरान यूपीएससी की परीक्षा एक बार और देने के विषय में वह काफी मोटिवेट हो गए और उन्होंने परीक्षा देने का फैसला कर लिया था. उसके बाद उम्होंने महज 17 दिन की तैयारी के बाद ही अपना 5वां अटेंप्ट दिया और
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के विषय में अक्षत कौशल ने दिए कुछ टिप्स-
1. अक्षत का कहना हैं कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी चालू करने से पहले परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को सही तरीके से समझ लेना चाहिए.
2. इसके अतिरिक्त उनका कहना है की अभ्यर्थियों के किसी भी चीज को लेकर ज्यादा ओवर कॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए, ये परीक्षा में आपको असफलता की ओर ले जाता है.
3. कैंडेट्स परीक्षा की तैयारी के समय अपने सीनियर्स और यूपीएससी की तैयारी कर रहे अपने दोस्तों रिश्तेदारों की सलाह जरूर लें. सीनियर्स का एक्सपीरियंस परीक्षा पास कराने में काफी लाभदायक साबित हो सकता है.
4. इसके अलावा कैंडिडेट को ऐसा लगता है कि वो सौ प्रतिशत देने के बाद भी सफलता हासिल नहीं कर पा रहे हैं, तो वो कुछ वक्त के लिए थोड़ा ब्रेक लें और फिर एक नई स्ट्रेटेजी के साथ दोबारा परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं.