
India’s first Lithium Cell Manufacturing Plant: भारत के पहले लिथियम सेल निर्माण संयंत्र का उत्पादन–पूर्व शुभारंभ किया जायेगा. इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर आज, आंध्र प्रदेश के तिरुपति में इसको लांच करेंगे.
India’s first Lithium Cell Manufacturing Plant: भारत के पहले लिथियम सेल निर्माण संयंत्र का उत्पादन–पूर्व शुभारंभ किया जायेगा. इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर आज, आंध्र प्रदेश के तिरुपति में इसको लांच करेंगे. यह संयंत्र वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा स्थापित दो इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण समूहों में से एक में स्थित है.
अपने इस दौरे के दौरान केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर डिक्सन टेक्नोलॉजीज और यूनाइटेड टेलीलिंक्स के संयंत्रों का भी दौरा करेंगे. साथ ही वह मुनोथ इंडस्ट्रीज द्वारा लिथियम सेल उत्पादन संयंत्र का उद्घाटन भी करेंगे.
भारत के पहले लिथियम सेल निर्माण संयंत्र की कार्ययोजना?
- इस संयंत्र की स्थापित क्षमता प्रतिदिन 270 मेगावाट प्रतिघंटा की है और यह प्रतिदिन 20 हजार सेलों का उत्पादन करेगी. साथ ही भविष्य में इसकी उत्पादन क्षमता को बढाया जायेगा.
- आत्मनिर्भरता: भारत इस लिथियम सेल निर्माण संयंत्र की मदद से लिथियम बैटरी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना चाहता है. साथ ही चीन और अन्य देशों लिथियम बैटरी के लिए, निर्भरता कम होगी.
लिथियम सेल निर्माण संयंत्र की उत्पादन क्षमता:
मंदिरों के शहर में स्थापित इस संयंत्र की स्थापित क्षमता प्रतिदिन 270 मेगावाट प्रतिघंटा की है. यह संयंत्र 10 एम्पीयर/घंटा की क्षमता वाली 20 हजार सेलों का उत्पादन कर सकती है. वर्तमान में उत्पादन की यह क्षमता भारत की वर्तमान जरूरतों का लगभग 60 फिसद है.
भारत में लिथियम सेलों का आयात:
वर्तमान समय में भारत लिथियम-आयन सेल की अपनी कुल जरूरतों की पूर्ति चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और हांगकांग आदि से करता है. इस निर्माण संयंत्र की मदद से भारत अपनी जरूरतों को पूरा करेगा. साथ ही भारत को इलेक्ट्रानिक्स सामानों के उत्पादन का एक वैश्विक केन्द्र बनाने के पीएम मोदी के सपने को साकार करने में भी मदद करेगा.
लिथियम सेल क्या है?
लिथियम-आयन (Li-ion) बैटरी एक उन्नत बैटरी तकनीक है जो लिथियम आयनों को अपने इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री के प्रमुख घटक के रूप में उपयोग करती है. डिस्चार्ज के दौरान, एनोड में लिथियम परमाणु आयनित होते हैं और उनके इलेक्ट्रॉनों से अलग हो जाते हैं और यह प्रक्रिया चलती रहती है. यह बैटरी प्रति यूनिट द्रव्यमान और इकाई मात्रा में बहुत अधिक वोल्टेज और चार्ज क्षमता रखने में सक्षम होते हैं.
लिथियम सेलों का उपयोग:
भारत में इन लिथियम सेलों का उपयोग पावर बैंक आदि में किया जाता है. साथ ही लिथियम सेलों का उपयोग मोबाइल फोन, ब्लूटूथ उपकरणों और अन्य उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स सामानों में किया जाता है. इस संयंत्र में इस प्रकार के सेलों का उत्पादन किया जायेगा. जो भारत की दूसरो देशों पर निर्भरता को कम
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