जंक फ़ूड वो प्रोसेस्ड फ़ूड होता है जिसमें पोषक तत्वों की कमी होती है तथा फैट, शुगर, कार्बोहाइड्रेट और साल्ट की मात्रा अधिक होती हैI जंक फ़ूड को महीनों तक संरक्षित रखने के लिए प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल होता हैI आइये जानें क्या होते हैं जंक फ़ूड? कैसे होता है इनका महीनों तक संरक्षण? और कैसे पहुंचाते हैं शरीर को नुकसान?
Science in daily life: आज भागदौड़ की जिन्दगी में लोगों के पास समय की कमी ने जंक फ़ूड के इस्तेमाल को बढ़ा दिया हैI बच्चों से लेकर युवा और वृद्ध भी इस पैक्ड फ़ूड की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे दिनोंदिन इसकी मांग बढ़ रही हैI लेकिन क्या आप जानते हैं इन पैक्ड फास्टफूड या जंक फ़ूड को महीनों तक फ्रेश और सुरक्षित रखने के लिए इसमें कौन से कैमिकल और प्रिजरवेटिव इस्तेमाल होते हैं? और ये हमारे शरीर को कितना ज्यादा नुकसान पहुंचता है? आइये जानें जंक फ़ूड के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
क्या होता है जंक फ़ूड ?
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, जंक फूड प्रोसेस्ड फ़ूड है जिसमें पोषक तत्वों की कमी तथा नमक, चीनी और फैट की मात्रा अधिक होती है। जंक फूड हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ होते हैं, जिनको लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल किया जाता हैI इन खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ाने के लिए आकर्षक पैकेजिंग और स्वादिष्ट बनाने के लिए विभिन्न रसायनों का इस्तेमाल किया जाता हैI इनमें व्यावसायिक उत्पाद जिनमें नमकीन स्नैक फूड, गम, कैंडी, शक्कर युक्त मिठाइयां, तला हुआ भोजन और मीठे कार्बोनेटेड पेय शामिल हैं, जो बहुत ही कम या बिना पौष्टिक होते हैं, इनमें ज्यादा नमक, शुगर और वसा होती है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने एक अध्ययन में बताया है कि, भारत में बिकने वाले ज्यादातर पैकेज्ड फूड और फास्ट फूड में नमक, शुगर और वसा की बहुत अधिक मात्रा होती है। अध्ययन में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में इन जंक फ़ूड में साल्ट, शुगर, कार्बोहाइड्रेट और फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया गया है।
जंक फ़ूड के ज्यादा इस्तेमाल से शरीर में अतिरिक्त वसा, कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जिससे मोटापा और हृदय सम्बन्धित रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप बीपी, ओबेसिटी जैसे रोगों के कारण हार्ट अटैक की समस्या भी युवाओं में बढ़ती हैI अध्य्यन में ऐसा भी सामने आया है कि, जंक फूड के अधिक सेवन से मस्तिष्क उसी तरह प्रभावित होता है जैसे नशे की दवाओं का सेवन करने से होता है।
कैसे लम्बे समय तक संरक्षित रहते हैं ये फ़ूड ?
देश में व्यस्त लाइफ के साथ पैक्ड फ़ूड की डिमांड भी लगातार बढती जा रही है, क्या आप जानते हैं कि, होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों में मिलने वाला ये पैक्ड फ़ूड सेहत के लिए कितना हानिकारक है? इन पैक्ड फ़ूड को महीनों तक संरक्षित रखने के लिए विभिन्न तरह के प्रिजरवेटिव का प्रयोग किया जाता है जो हमारे शरीर में पहुँच के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैंI
प्रिजरवेटिव, खाद्य पदार्थों में, रासायनिक परिवर्तनों, जैसे ऑक्सीकरण या फंगस से खाने को खराब होने से बचाने के लिए, तथा खाने को फ्रेश बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले कई कैमिकल होते हैंI जैसे एंटीमाइकोटिक्स फलों के रस, पनीर, ब्रेड जैसे उत्पादों में फंगस के विकास को रोकते हैं और सूखे फल आदि में सोडियम और कैल्शियम प्रोपियोनेट और सॉर्बिक एसिड का प्रयोग होता है। एंटीऑक्सिडेंट (जैसे, ब्यूटाइलेटेड हाइड्रॉक्सीटोल्यूइन, या बीएचटी) विभिन्न प्रकार के फैट और तेल युक्त खाद्य पदार्थों में ऑक्सीकरण द्वारा उत्पादित बासीपन को रोकने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। सोडियम नाइट्रेट का प्रयोग मांस को सड़ने से बचाने के लिए और खाने में बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए किया जाता हैI वहीँ बेक्ड फ़ूड के संरक्षण के लिए एंटीस्टालिंग एजेंट (जैसे, ग्लाइसेरिल मोनोस्टियरेट) का इस्तेमाल किया जाता है। माना जाता है कि ये पदार्थ स्टार्च से पानी की कमी को रोककर काम करते हैं
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