
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच सालों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन होते हैं तथा सड़कें तरक्की का आईना होती हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क (Express-way Network) की आधारशिला रखी है. आने वाले वक्त में विश्व के कई देशों से अधिक एक्सप्रेस-वे कनेक्टिविटी उत्तर प्रदेश (UP) में होगी. बता दें उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य बना है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले पांच सालों में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन होते हैं तथा सड़कें तरक्की का आईना होती हैं. 3200 किमी के कुल 13 एक्सप्रेसवे में से सात पर काम चल रहा है, जबकि छह एक्सप्रेस वे संचालित हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को 16 जुलाई 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पित करेंगे. इसके माध्यम से बुंदेलखंड दिल्ली से सीधे जुड़ेगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने सड़कों के कायाकल्प को लेकर व्यापक स्तर पर काम किया है.
देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क की आधारशिला रखी है. आने वाले समय में विश्व के कई देशों से अधिक एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी प्रदेश में होगी. यूपी 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बना है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से फायदा
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में बुंदेलखंड के सात जिलों को फायदा मिलेगा. एक्सप्रेस-वे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े पुल, छह टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल (लघु सेतु) और 18 फ्लाई ओवर भी बनाए गए है.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का सफर मुफ्त नहीं
बता दें बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का सफर मुफ्त नहीं होगा. एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों को टोल टैक्स भी अदा करना होगा. यूपीडा के अनुसार, पूरे 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे में 13 स्थानों पर टोल टैक्स लिया जाएगा. किसी भी स्थान से प्रवेश करने पर एक बार टोल टैक्स देना होगा.
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क
- यमुना एक्सप्रेसवे- 165 किमी
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे- 25 किमी
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे- 302 किमी
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- 96 किमी
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे- 341 किमी
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे- 296 किमी
कुल संचालित एक्सप्रेसवे- 1225 किमी
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- 91 किमी
- गंगा-एक्सप्रेस वे- 594 किमी
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे- 63 किमी
- गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे- 380 किमी
- गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे- 519 किमी
- दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे- 210 किमी
- गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे- 117 किमी
कुल निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे- 1974 किमी
रोजगार बढ़ाने में भी मदद
हाईवे और एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारे भी बनाए जा रहे हैं. ये गलियारे विकास के साथ रोजगार बढ़ाने में भी मदद करेंगे. इसके लिए जमीनें चिह्नित की गई हैं. आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए हवाई पट्टियां भी बनाई जा रही हैं
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